अब इन जानवरों को भी हो रहा है कोरोना संक्रमण

अब इन जानवरों को भी हो रहा है कोरोना संक्रमण

सेहतराग टीम

तेजी से फैल रहे कोरोना का शिकार एक तरफ जहां इंसान ही हो रहे थे और यह इंसानों के लिए ज्यादा खतरनाक भी है। वहीं जानवरों के भी इस वायरस की चपेट में आने की खबर आए दिन आ रही थी। वैसे अभी तक कुत्ते, बिल्ली, बाघ और शेर के कोरोना वायरस के शिकार होने की खबर आती थी, लेकिन अब इस कैटेगरी में ऊदबिलाव भी जुड़ गया है। दरअसल ऊदबिलाब को भी इस वायरस ने अब अपना शिकार बनाना शुरु कर दिया है। इस बात का दावा बीबीसी की रिपोर्ट कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार नीदरलैंड्स के एक फर फार्म में दो ऊदबिलाव नए कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए।

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इससे पहले पिछले महीने ही न्यूयार्क से ख़बर आई थी, कि वहां एक चिड़ियाघर में शेर और बाघों को उनका ध्यान रखने वाले कर्मियों से कोरोना वायरस का संक्रमण लग गया। मेलबर्न विश्वविद्यालय के डॉ. पेटा हिचेंस ने कहा कि कोरोना वायरस लुप्तप्राय वन्यजीवों के लिए "विनाशकारी" साबित हो सकता है और अब हमें उन्हें बचाने के लिए काम शुरू कर देना चाहिए। इसमें वन्यजीव व्यापार और तस्करी पर पूरी तरह से नियंत्रण भी शामिल हैसाथ ही पारितंत्र के संरक्षण की जहां मानव अतिक्रमण और विनाश के कारण हमारे और जंगली जानवरों के बीच दूरियां कम हो गई हैं। 

डॉक्टर हिचेंस ने कहा कि ऊदबिलाव का कोरोना वायरस से संक्रमित होना हैरान करने वाली बात नहीं है। साल 2003 में जब SARS फैला था, तो कम से कम 16 प्रजातियां इसकी चपेट में आई थीं, जिसमें ऊदबिलाव, बिज्जू (palm civet), चमगादड़, होर्सशू चमगादड़ की कई प्रजातियां, लाल लोमड़ी, जंगली सूअर, रैकून और पाल्तू बिल्ली व कुत्ते जैसे जानवर शामिल थे।

नीदरलैंड्स के अधिकारियों का मानना है कि खेतों में काम करने वाले किसानों से ऊदबिलाव संक्रमित हो गए। तभी से किसानों को क्वारेंटीन में रखा गया था। साल 2013 में ही ऊदबिलाव को पालना बैन कर दिया था, जबकि ऊदबिलाव के मौजूदा फार्म को 2024 तक बंद करना होगा। 

अंतरराष्ट्रीय और यूके की हुयूमन सोसाइटी की एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर क्लेयर बास ने कहा कि जानवर कई सालों से कई तरह के कष्ट झेल रहे हैं, और अब उनसे कई तरह की बीमारियां फैलना का डर भी है, इसलिए अब फैशन इंडस्ट्री के पास फर-फ्री होने का काफी अच्छा मौका है, साथ ही सरकार को भी इस घिनौने धंधे पर विराम लगाने की ज़रूरत है। 

"कोविड-19 के प्रकोप से हमें एक बात सीखने को ज़रूर मिली है कि अगर हम जानवरों का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ेंगे, तो इसके परिणाम मानव और जानवरों दोनों के लिए गंभीर हो सकते हैं।"

(साभार-दैनिक जागरण)

 

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